इंग्लैंड सीरीज़ से लेकर साउथ अफ्रीका तक – फिट होने के बावजूद टीम से बाहर शमी।

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भारत के अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इंग्लैंड से लेकर ind vs sa तक, हर सीरीज़ में उनकी गैरमौजूदगी ने क्रिकेट फैंस के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं – आखिर शमी फिट होने के बावजूद टीम से बाहर क्यों हैं?

फिटनेस: मुद्दा या बहाना?

शमी का हालिया फिटनेस रिकॉर्ड यह दिखाता है कि वे पूरी तरह से तैयार हैं। घरेलू क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है और लगातार विकेट लिए हैं।
फिर भी चयनकर्ताओं की सोच कुछ और कहती है – उनका मानना है कि शमी अभी लंबे स्पैल के लिए पूरी तरह “मैच फिट” नहीं हैं।

बीसीसीआई सूत्रों के मुताबिक, चयन समिति का कहना है कि “टेस्ट स्तर पर गेंदबाज़ी का भार काफी अधिक होता है, और शमी को वापस लाने से पहले हमें 200% यकीन चाहिए।”

शमी के कोच और दिग्गजों का बयान

शमी के बचपन के कोच और कई पूर्व खिलाड़ियों ने इस निर्णय पर नाराज़गी जताई है। उनके कोच ने कहा – “शमी पूरी तरह फिट हैं, उन्हें नजरअंदाज करना अनुचित है।” वहीं पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी साफ कहा,

“अगर फिटनेस और फॉर्म ठीक है, तो मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि शमी टीम से बाहर रहें।”

इन बयानों से साफ झलकता है कि मामला सिर्फ फिटनेस का नहीं – कुछ और भी चल रहा है।

चयन रणनीति में बड़ा बदलाव

बीसीसीआई अब भविष्य को ध्यान में रखते हुए टीम बना रही है। नए तेज़ गेंदबाज़ जैसे अवेश खान, आकाश दीप, और मुकेश कुमार को बार-बार मौका दिया जा रहा है। इस रणनीति के तहत 35+ उम्र के खिलाड़ियों को “rest and rotation policy” में रखा जा रहा है।

इस बदलाव का सीधा असर शमी जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर पड़ा है। हालांकि, अनुभव को नज़रअंदाज़ करना टीम के लिए भविष्य में नुकसानदायक साबित हो सकता है।

संवाद की कमी या गलतफहमी?

कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, चयनकर्ताओं और शमी के बीच संवाद की कमी रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने दावा किया कि बीसीसीआई ने उन्हें इंग्लैंड टूर के लिए “इंडिया ए” मैच खेलने का ऑफर दिया, लेकिन शमी ने इसे स्वीकार नहीं किया।

वहीं शमी का कहना है कि उन्हें टीम मैनेजमेंट से कोई स्पष्ट बातचीत नहीं मिली।

“अगर मुझसे पूछा जाए तो मैं खेलूंगा, लेकिन बात कोई करता ही नहीं।” – शमी ने हाल में कहा।

ये बयान इस विवाद को और गहराई देते हैं।

अनुभव बनाम युवा जोश

टीम चयन में अब “अनुभव” की जगह “भविष्य दृष्टि” को प्राथमिकता दी जा रही है। युवा खिलाड़ियों को मौके देना सही है, लेकिन क्या अनुभवी गेंदबाज़ों को इस तरह दरकिनार करना उचित है?

शमी ने पिछले कुछ सालों में भारत के लिए कई मैचों में जीत दिलाई है – Cricket world cup 2023 में उनके स्पेल यादगार रहे।
फिर भी, अब ऐसा लगता है कि चयनकर्ताओं का भरोसा उनसे थोड़ा डगमगा गया है।

क्या टीम इंडिया की योजना साफ है?

टीम इंडिया का फोकस अब अगले चक्र पर है 2025-27 वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की तैयारी। सेलेक्टर्स चाहते हैं कि अगले दो सालों में एक मजबूत युवा पेस लाइन-अप तैयार हो। शायद इसी वजह से उन्हें “रेस्ट” के नाम पर धीरे-धीरे टीम कॉम्बिनेशन से बाहर किया जा रहा है।

निष्कर्ष

मोहम्मद शमी के टीम से बाहर होने के कई कारण बताए जा रहे हैं – लेकिन सच्चाई यही है कि यह केवल “फिटनेस” का मामला नहीं है।
यह टीम की रणनीति, संचार की कमी, और युवा नीति का मिश्रण है।

फिटनेस के बावजूद टीम से बाहर होना एक बड़े खिलाड़ी के लिए निराशाजनक है। और जब वह खिलाड़ी मोहम्मद शमी जैसा मैच विनर हो, तो सवाल उठना लाज़मी है।

क्या आपको लगता है कि शमी को टीम में जगह मिलनी चाहिए थी? अपना विचार नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं 
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